NAT का पूरा नाम Network Address Translation है. NAT एक प्रक्रिया है जिसमें एक नेटवर्क डिवाइस, private network में एक या एक से अधिक computers को IP Address प्रदान करता है.
दूसरे शब्दों में कहें तो, “Network Address Translation (NAT) एक method (विधि) है जिसमें एक या एक से अधिक local IP address को एक या एक से अधिक global IP address में translate (Map) किया जाता है.”
NAT एक IETF standard है जिसमें बहुत सारें computers केवल एक IPv4 को share करते हैं. इसका इस्तेमाल आजकल बहुत ज्यादा किया जाता है क्योंकि IPv4 address की बहुत कमी हो गयी है.
“किसी भी device को internet से जुड़ने के लिए IP address की आवश्यकता होती है। यदि आपके work environment (कार्य-स्थल) में 10 device है तो इन्हें internet से जुड़ने के लिए 10 ही IP addresses की आवश्यकता होगी।
ऐसी situation (स्थिति) में IP address की आवश्यकता को पूरी करने के लिए NAT (Network Address Translation) का प्रयोग किया जा रहा है।“
NAT को Cisco के द्वारा विकसित किया गया है। यह एक mechanism (तंत्र) होता है जो आपके private network और internet के बीच काम करता है। NAT को IETF RFC 1631 में define किया गया है।
चलिए इसे एक Example के द्वारा समझते हैं:–
मान लीजिये किसी कंपनी में 20 devices है जिन्हें internet से जोड़ा जाना है| सामान्य रूप में देखे तो इसके लिए कंपनी को 20 IP address की आवश्यकता होगी। लेकिन NAT का इस्तेमाल करते हुए कंपनी केवल एक ही globlal IP address से सभी devices को internet से जोड़ सकती है।
NAT का प्रयोग करने से कंपनी को 20 IP addresses की आवश्यकता नहीं होगी। NAT किसी organization या company में IP addresses की जरुरत को कम कर देता है|
NAT के प्रकार
इसके तीन प्रकार होते हैं जिनके बारें में नीचे दिया गया है:-
- Static NAT
- Dynamic NAT
- PAT (Port Address Translation)
Static NAT in Hindi
इसमें केवल एक local IP address की एक global IP address में mapping की जाती है. इसे one-to-one mapping कहते हैं.
Static
NAT का ज्यादातर प्रयोग web hosting में किया जाता है. इसका प्रयोग किसी
company या organization में नहीं किया जाता क्योंकि वहां पर ज्यादा IP
address की आवश्यकता होती है.
Dynamic NAT in Hindi
Dynamic NAT में, बहुत सारें local IP address को global IP address के एक pool में map किया जाता है. इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब हमें यह पता होता है कि कितने users एक निश्चित समय में इन्टरनेट को access करना चाहते हैं.
PAT (Port Address Translation) in Hindi
इसे NAT overload भी कहते हैं. इसमें बहुत सारें local IP address को केवल एक global IP address में map किया जाता है.
इसका
प्रयोग सबसे ज्यादा किया जाता है क्योंकि इसमें केवल एक global IP address
के द्वारा हजारों devices को internet से connect किया जा सकता है.
NAT के फायदे
इसके फायदे निम्नलिखित हैं:-
- इसके द्वारा हम local IP address को दुबारा से इस्तेमाल कर सकते हैं.
- यह private network को सुरक्षा प्रदान करता है. इसमें source और destination IP address को secret रखा जाता है.
- इसके द्वारा हम बहुत सारें devices को केवल एक IP address प्रदान कर सकते हैं.
- यह बहुत ही जयादा reliable (विश्वसनीय) और flexible है.
- यह ipv4 addresses की कमी को पूरा करता है.
NAT के नुकसान
इसके नुकसान निम्नलिखित हैं:-
- इसे बहुत ज्यादा memory और processor की आवश्यकता होती है.
- इसकी प्रक्रिया बहुत slow होती है. क्योंकि यह आने वाले और जाने वाले data packets को double check करता है. जिसके कारण बहुत सारा समय बर्बाद हो जाता है.
- यह tunneling protocols जैसे कि – IPsec को complicated (जटिल) बना देता है.
- जब हम NAT का इस्तेमाल करते हैं तो उस समय हम कुछ network applications को use नहीं कर सकते.
- इसमें remote areas से नेटवर्क को troubleshoot करना मुश्किल होता है.
NAT कैसे काम करता है
इसकी working को समझने से पहले हमें कुछ terms को समझना पड़ेगा. इन terms के बारें में नीचे बताया जा रहा है:-
Inside Local
यह आपके private network में किसी host पर configure किया हुआ local IP address होता है। इसे private IP address भी कहा जाता है|
Inside Global
यह वह IP address होता है जो आपके private host को public network (Internet) में प्रस्तुत करता है। ये एक global IP address होता है।
Outside Global
यह किसी outside host को assign किया गया global IP address होता है।
Outside Local
यह private network में किसी host को assign किया गया local IP address भी हो सकता है और public network में कोई global IP address भी हो सकता है।
जब भी home network का कोई भी host इन्टरनेट से जुड़ने का प्रयास करता है तो NAT उसे एक global IP address में translate (map) कर देता है और वह host आसानी से internet को access कर पाता है।
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